Shradhanjali Shlok in Sanskrit

Shradhanjali Shlok in Sanskrit Need an Obituary/Remembrancead in Newspaper ? Call Us✆ +919560211636 प्राग्देहकृतकर्मफलोपभोगार्थं सानुशयस्यैव प्रस्तुतत्वान्न जीवन्मुक्तेर्व्यभिचारः।तस्मादेवमपरिहार्ये!बहूनि में व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन।तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परंतप!—हिंदी अनुवादबाग में फूल कुछ दिन के लिए ही खिलते हैं,भगवान ही उन्हें अपने पास बुलाते हैं,जिससे वे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं प्रकृतिम स्वामवष्टभ्य विसृजामि पुन: पुन:।भूतग्राममिमं … Read more