Shradhanjali Shlok in Sanskrit

प्राग्देहकृतकर्मफलोपभोगार्थं सानुशयस्यैव प्रस्तुतत्वान्न जीवन्मुक्तेर्व्यभिचारः।
तस्मादेवमपरिहार्ये!
बहूनि में व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन।
तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परंतप!

हिंदी अनुवाद
बाग में फूल कुछ दिन के लिए ही खिलते हैं,
भगवान ही उन्हें अपने पास बुलाते हैं,
जिससे वे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं

प्रकृतिम स्वामवष्टभ्य विसृजामि पुन: पुन:।
भूतग्राममिमं कृत्स्नमवशम प्रकृतेर्वशात

हिंदी अनुवाद
हम आपके और आपके परिवार के लिए प्रार्थना करेंगे, कोई भी भाग्य से पहले नहीं आया है,
इस बार उसने एक दिव्य आत्मा को अपने चरणों में आश्रय दिया है, कि वह मृत आत्मा मोक्ष प्राप्त करे।

जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च।
तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि।

हिंदी अनुवाद
जन्म लेने वाले की मृत्यु निश्चित है और मरने वाले का जन्म निश्चित है।

इसलिए जो अपरिवर्तनीय है उसके लिए आपको शोक नहीं करना चाहिए।

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।

हिंदी अनुवाद
यह आत्मा न तो कभी शस्त्र द्वारा खण्ड खण्ड की जा सकती है,
न अग्नि द्वारा जलाया जा सकता है, न जल द्वारा भिगोया या वायु द्वारा सुखाया जा सकता है

देहेन्द्रियादिसंबन्धवशाज्जातश्चेति।
नित्यजातस्तमेनमात्मानं नित्यमपि सन्तं जातं चेन्मन्यसे
तथा नित्यमपि सन्तं मृतं चेन्मन्यसे तथापि
त्वं नानुशोचितुमर्हसीति प्रतिज्ञाय
हेतुमाह जातस्य हीत्यादिना।
नित्यस्य जातत्वं मृतत्वं च प्राग्व्याख्यातम्!

हिंदी अनुवाद
भगवान जो करता है उसके पीछे कुछ छिपा है,
शायद इस बार उसने आपके पिता के लिए फैसला किया है
कि वह स्वर्ग में आराम करे, आपके पिता की आत्मा को शांति मिले!

देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा।
तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्राति।।

हिंदी अनुवाद
जैसे आत्मा के इस शरीर में बचपन, जवानी और बुढ़ापा प्राप्त होता है,
वैसे ही दूसरा शरीर प्राप्त होता है, रोगी को उस बात में मोह नहीं होता।

शत्रुप्राणवियोगानुकूलशस्त्रप्रहाररूपं
विहितत्वादग्नीषोमीयादिहिंसावन्न प्रत्यवायजनकम्।
तथाच गौतमः स्मरतिन दोषो।—

हिंदी अनुवाद
यह खबर सुनकर मेरा दिल दहल गया, मेरे आंसू नहीं रुक रहे,
लेकिन नियति के आगे देवता भी नहीं हिलते, अपना और अपने परिवार का ख्याल रखना,
आपकी मां की आत्मा को शांति मिले, हमारी दुआएं आपके साथ हैं।

शोको नाशयते धैर्य, शोको नाशयते श्रॄतम्।
शोको नाशयते सर्वं, नास्ति शोकसमो रिपु।।

हिंदी अनुवाद
शोक और निराशा सब्र का नाश करती है, शोक स्मृति का नाश करता है,
शोक सबका नाश करता है, अत: शोक के समान कोई दूसरा शत्रु नहीं है।

हिंसायामाहवेऽन्यत्र
व्यश्वासारथ्यनायुधकृताञ्जलिप्रकीर्णकेशपराङ्भुखोपविष्टस्थलवृक्षारूढदूतगोब्राह्मणवादिभ्यः
इति!

हिंदी अनुवाद
जब हम अपने जीवन में अपने सबसे प्यारे व्यक्ति को खो देते हैं तो समय रुकने लगता है लेकिन यह महत्वपूर्ण है
कि आप अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें और बाकी काम साहस के साथ शुरू करें, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और उन्हें स्वर्ग में शांति मिले

अव्यक्तोऽयमचिन्त्योऽयमविकार्योऽयमुच्यते।
तस्मादेवं विदित्वैनं नानुशोचितुमर्हसि।।

हिंदी अनुवाद
ह आत्मा अव्यक्त है, यह आत्मा अकल्पनीय है और इस आत्मा को विकाररहित कहा गया है।
हे अर्जुन! इस आत्मा को उपरोक्त प्रकार से जानकर आप शोक करने के योग्य नहीं हैं, अर्थात आपको शोक करना उचित नहीं है।

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-न्यन्यानि संयाति नवानि देही।।

हिंदी अनुवाद
जैसे मनुष्य जीर्ण वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नये वस्त्रों को धारण करता है,
वैसे ही देही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्याग कर दूसरे नए शरीरों को प्राप्त होता है।।

अव्यक्तादीनि भूतानि व्यक्तमध्यानि भारत।
अव्यक्तनिधानान्येव तत्र का परिदेवना।।

हिंदी अनुवाद
हे अर्जुन! सभी प्राणी जन्म से पहले अव्यक्त थे और मृत्यु के बाद भी अव्यक्त होने वाले हैं,
केवल बीच में ही प्रकट हैं, तो ऐसी स्थिति में शोक क्या है?

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-न्यन्यानि संयाति नवानि देही।।

हिंदी अनुवाद
जैसे मनुष्य जीर्ण वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नये वस्त्रों को धारण करता है,
वैसे ही देही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्याग कर दूसरे नए शरीरों को प्राप्त होता है।।

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा
न्यन्यानि संयाति नवानि देही।।

हिंदी अनुवाद
जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर नये वस्त्रों को ग्रहण करता है,
उसी प्रकार आत्मा पुराने शरीरों को त्यागकर नये शरीरों को प्राप्त करती है।

इत्येवोत्तरम्। युद्धाख्यं हि कर्म क्षत्रियस्य नियतमग्निहोत्रादिवत्।
तच्चयुध संप्रहारे इत्यस्माद्धातोर्निष्पन्नं।

हिंदी अनुवाद
उनके जाने का गम भी उतना ही है जितना आपका, लेकिन इस दुख की घड़ी में आप खुद को कमजोर ना समझें,
हम सब आपके साथ हैं, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

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